पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को एक MAGA विजय रैली के दौरान टिकटॉक और चीन के साथ इसके संबंधों पर अपनी राय रखी। हजारों समर्थकों के सामने बोलते हुए, उन्होंने टिकटॉक को विदेशी प्रभाव से बचाने की आवश्यकता पर जोर दिया और अमेरिका से तकनीकी स्वायत्तता को प्राथमिकता देने का आह्वान किया।
“TIKTOK एक बड़ी बात है, दोस्तों,” ट्रम्प ने कहा। “हमें टिकटॉक को बचाने की ज़रूरत है, लेकिन हम अपना व्यापार चीन को नहीं सौंप सकते। ऐसा मेरे कार्यकाल में तो बिल्कुल नहीं होगा।”
National Security के लिए टिकटॉक चिंता का विषय
ट्रम्प की यह टिप्पणी तब आई है जब टिकटॉक को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा गोपनीयता की बहस तेज़ हो रही है। चीनी कंपनी बाइटडांस के स्वामित्व वाले इस लोकप्रिय ऐप पर अमेरिकी डेटा को जोखिम में डालने और चीनी सरकार से संभावित संबंध होने के आरोप लगाए गए हैं।
अपने प्रशासन के दौरान, ट्रम्प ने बाइटडांस को टिकटॉक के अमेरिकी परिचालन को एक अमेरिकी कंपनी को बेचने के लिए मजबूर करने की कोशिश की थी। हालाँकि, उनके पद छोड़ने के बाद, इस मुद्दे पर सरकार का रुख थोड़ा शांत हो गया है। फिर भी, टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने या इसे सीमित करने का विषय अमेरिका-चीन टेक्नोलॉजी प्रतिस्पर्धा का केंद्र बना हुआ है।

तकनीकी स्वतंत्रता का समर्थन
ट्रम्प ने जोर देकर कहा, “हमें अमेरिकी कंपनियों को बढ़ावा देने की ज़रूरत है, न कि चीन की कंपनियों को।” उन्होंने अमेरिकी नवाचार और तकनीकी नेतृत्व को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
यह रैली, जो एक स्विंग राज्य में आयोजित हुई थी, ट्रम्प की 2024 चुनावी रणनीति का हिस्सा मानी जा रही है। ट्रम्प ने मुद्रास्फीति, ऊर्जा नीति और सीमा सुरक्षा जैसे बड़े मुद्दों पर भी बात की, लेकिन उनकी टिकटॉक पर की गई टिप्पणियां अमेरिका-चीन संबंधों पर बढ़ती चिंताओं को दर्शाती हैं।
विवादित मुद्दा बना TikTok
आलोचक ट्रम्प के बयान को अतिसरलीकरण मानते हैं, जबकि उनके समर्थकों का मानना है कि यह उनके “अमेरिका फर्स्ट” एजेंडे की निरंतरता है। टिकटॉक के खिलाफ उठाए गए कई विधायी प्रस्तावों और जांचों ने इसे नीति निर्माताओं के लिए एक चुनौतीपूर्ण विषय बना दिया है।
2024 चुनाव के लिए डिजिटल नीति का मुद्दा
TRUMP की टिप्पणियां राष्ट्रीय सुरक्षा और ग्लोबल टेक्नोलॉजी तक पहुंच के बीच संतुलन की आवश्यकता पर जोर देती हैं। जैसे-जैसे 2024 का चुनाव नज़दीक आ रहा है, टिकटॉक अमेरिका-चीन संबंधों और डिजिटल नीति के भविष्य के लिए एक प्रमुख बहस का केंद्र बन सकता है।