वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं, जिससे वह लगातार आठवां बजट प्रस्तुत करने का रिकॉर्ड बना रही हैं। यह एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि वह मोरारजी देसाई के 10 बजट प्रस्तुत करने के रिकॉर्ड के करीब पहुंच गई हैं।
वैश्विक अनिश्चितताओं और भारत की आर्थिक वृद्धि दर के चार साल के निचले स्तर तक पहुंचने के बीच, केंद्रीय बजट 2025 एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पेश किया जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर शुल्क बढ़ाने की धमकी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अतिरिक्त चुनौती उत्पन्न कर रही हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण में वित्तीय समावेशन पर जोर दिया गया है, और इस बजट में सरकार का फोकस ग्रामीण परिवारों और छोटे व्यापारों को बढ़ावा देने पर होगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं, स्वयं सहायता समूहों और अन्य मध्यस्थों के माध्यम से आसान क्रेडिट उपलब्ध कराने के लिए उपाय किए जा सकते हैं, जिससे आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी।
बजट के प्रमुख फोकस क्षेत्र
केंद्रीय बजट 2025 में 10 प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिनमें:
- MSMEs का समर्थन और निर्यात को बढ़ावा देना।
- कृषि विकास और ग्रामीण समृद्धि।
- निर्माण और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना।
- समावेशी विकास और वृद्धि, विशेष रूप से गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के लिए।
प्रमुख घोषणाएं
कृषि और ग्रामीण विकास:
कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए 100 कम उत्पादकता वाले जिलों को लक्ष्य बनाया जाएगा। धन धान्य कृषि योजना के तहत इन जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा, उच्च-उत्पादक बीजों को बढ़ावा देने और 5 साल की योजना के तहत कपास उत्पादन बढ़ाने की घोषणा की गई है।
MSMEs और उद्योगों का समर्थन:
SIDBI फंड ऑफ फंड्स को ₹20,000 करोड़ तक बढ़ाया जाएगा, जो स्टार्टअप्स और MSMEs को समर्थन प्रदान करेगा। माइक्रो-SMEs के लिए ₹5 लाख की सीमा वाले कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, स्टार्टअप्स के लिए ₹10,000 करोड़ के फंड-ऑफ-फंड्स की स्थापना की जाएगी। इंडिया पोस्ट को एक बड़े सार्वजनिक लॉजिस्टिक्स संगठन में बदलने की योजना है, और MSMEs के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को ₹10 करोड़ से बढ़ाकर ₹20 करोड़ किया जाएगा।
निर्माण और नवाचार:
मेक इन इंडिया पहल को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय निर्माण मिशन स्थापित किया जाएगा। असम के नामरुप में एक नई उर्वरक फैक्ट्री स्थापित की जाएगी। इसके साथ ही, सौर फोटोवोल्टिक (PV) सेल्स, इलेक्ट्रोलाइजर्स और ग्रिड-स्तरीय बैटरियों के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार किया जाएगा। अटल टिंकरिंग लैब्स की 50,000 नई इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी, जो नवाचार और रचनात्मकता को बढ़ावा देंगी।
इस बजट के माध्यम से भारत की औद्योगिक, कृषि और नवाचार क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी, साथ ही समावेशी विकास और सतत वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।