मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को होली और रमजान के त्योहार को शांति और सदभावनापूर्ण माहौल के बीच संपन्न कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि त्योहारों पर पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क रहे और हर छोटी घटना व सूचना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल आवश्यक कार्रवाई करें। साथ ही दोनों ही समुदाय के लोगों से संवाद बनाए रखा जाए। शांति एवं सद्भावना समिति की बैठकें कर ली जाएं।
मुख्यमंत्री बुधवार की शाम गोरखनाथ मंदिर में अधिकारियों के साथ त्योहारों की तैयारी और विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देशित किया कि त्योहार पर कोई भी अराजकता फैलाने की कोशिश करे तो उसके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि शोभायात्रा रूट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाए। ड्रोन से भी निगरानी की जाए। किसी भी नागरिक को दिक्कत नहीं होने चाहिए। होली वाले दिन सभी प्रमुख सड़कों, चौराहों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि त्योहारों पर कोई नई परंपरा न शुरू हो। अधिकारी निरंतर फिल्ड में रहते हुए निगरानी बनाए रखे। त्योहारों पर बिजली-पानी की निर्वाध आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाए।
होली के पहले और बाद में शहर के सभी क्षेत्रों की सफाई कराई जाए। मुख्यमंत्री ने गोड़धोइया नाला, गोरखनाथ, नकहा, खजांची, पादरी बाजार और पैडलेगंज -टीपी नगर सिक्स लेन के साथ ही सभी निर्माणाधीन फोरलेन प्रोजेक्ट की भी प्रगति पूछी। साथ ही निर्देशित किया कि सभी परियोजनाओं की गति बढ़ाई जाए और गुणवत्ता के साथ समय पर इन्हें पूरा किया जाए।
जिलाधिकारी कृष्णा करूणेश ने बताया कि सभी निर्माण कार्य गति से चल रहे हैं। तय समय पर परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी। मुख्यमंत्री ने जाम से निजात के प्रबंध करने के साथ ही सड़क व फुटपाथ पर से अतिक्रमण हटाने का भी निर्देश दिया ताकि पैदल चलने वालों को दिक्कत न हो।
जल्द शुरू कराएं योगानंद के स्मृति भवन का निर्माण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुफ्तीपुर में परमहंस योगानंद की जन्मस्थली पर स्मृति भवन का निर्माण कार्य जल्द शुरू कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि वहां राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आवक की दृष्टि से सभी जरूरी सुविधाएं विकसित की जाएं।
मुख्यमंत्री ने गुरु चरणों में नवाया शीश
दो दिवसीय दौरे पर बुधवार की शाम गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे पहले गुरु गोरखनाथ के मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूरे विधि- विधान से पूजा अर्चना की और प्रदेश वासियों के लिए मंगल कामना की। इसी क्रम में वह अपने दादा गुरु ब्रह्मलीन दिग्विजयनाथ और अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के समाधि स्थल पर पहुंचे और उनकी भी पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया।