भारत में आदिवासी समुदाय का इतिहास सदियों पुराना है और उनकी जमीन पर हमेशा से संकट रहा है। इन संकटों में एक और बड़ा संकट जुड़ता जा रहा है। आदिवासियों की जमीनों पर सरकारी और निजी कंपनियों कब्जा। भारतीय संस्कृति वक्फ संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति ( JPC ) ने अपनी रिपोर्ट में आदिवासी क्षेत्रों की भूमि को वक्फ भूमि घोषित किए जाने का दावा करते हुए मामले पर गंभीर चिंता जताई है। साथ ही JPC ने सरकार से तुरंत सख्त कदम उठाने की मांग की है। जिससे आदिवासियों की भूमि और उनकी सांस्कृतिक पहचान पूरी तरह से सुरक्षित रहे। रिपोर्ट के पेज 405 और 406 में कहा गया है कि भारतीय संविधान के तहत आदिवासी भूमि को विशेष सुरक्षा दी गई है। पांचवी और छठी अनुसूचियां के तहत आदिवासी क्षेत्रों के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं ताकि आदिवासियों की जमीन पर कोई अवैध कब्जा न कर सके।
क्या है वक्फ संपत्ति
वक्फ कोई भी चल या अचल संपत्ति होती है जिसे इस्लाम मानने वाला व्यक्ति अल्लाह के नाम पर या धार्मिक या परोपकार के मकसद से दान करता है। यह संपत्ति समाज के लिए हो जाती है और अल्लाह के सिवा कोई उसका मालिक नहीं होता है और ना हो सकता है। मतलब, एक बार वक्फ हमेशा के लिए वक्फ इसे खरीदा या बेचा नहीं जा सकता है। यहां यह बात भी ध्यान देने योग्य है कि ऐसा नहीं है कि वक्फ संपत्तियों का योग्य केवल मुसलमान ही कर सकते हैं, बल्कि वक्फ संपत्तियों पर खोले गए स्कूल, मदरसे, कॉलेज, यूनिवर्सिटी, अनाथ आश्रम या अस्पताल से समाज के लोग फायदा हासिल कर सकते हैं।
अदालतों में बढ़ते जा रहे मामले
समिति ने रिपोर्ट में दावा किया है कि आदिवासी इलाकों की जमीन को वक्फ संपत्ति घोषित करने की घटनाएं बढ़ रही है। जिससे आदिवासियों की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को खतरा हो सकता है और यह मामला अब अदालत में भी बढ़ता जा रहा है, जो इस संकट को और भी गंभीर बना रहा है। JPC की रिपोर्ट के अनुसार, आदिवासियों की जमीन बिना उनकी सहमति के बेची जा रही है या फिर उन पर कब्जा किया जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि सरकार की विभिन्न योजनाओं और उद्योगों के विस्तार के नाम पर आदिवासी क्षेत्रों में कई बड़े निर्माण कार्य हो रहे हैं जिसमें उनकी जमीनें जबरदस्ती ली जा रही है।
कार्रवाई नहीं हुई तो बन सकता है बड़ा खतरा
समिति ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने कार्यवाही नहीं की तो आदिवासी समुदायों के लिए यह एक बड़ा खतरा बन सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा करना संविधान की जिम्मेदारी है और इसे किसी भी हाल में कमजोर नहीं होने देना चाहिए। वक्फ संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति में रिपोर्ट में सरकार से सिफारिश की है कि वह आदिवासी भूमि को वक्फ भूमि घोषित के मामलों को रोकने के लिए तुरंत कठोर कानूनी कदम उठाए।
समाधान की आवश्यकता
JPC मैं यह भी कहा है कि आदिवासियों की जमीनों को बचाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार को ऐसी नीतियों को अपनाना चाहिए जो आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा करें और उनके संसाधनों का उपयोग उनके लाभ के लिए किया जाए, न की बाहरी ताकतों के लिए। इसके अलावा आदिवासी क्षेत्रों में जमीन के स्वामित्व की स्पष्टता सुनिश्चित करनी चाहिए। ताकि उनकी जमीन पर कोई बिना अनुमति के कब्जा न कर सके।