मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को नागपुर में सेंट्रल इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया, जिसमें समानता के महत्व पर जोर दिया और जाति-आधारित राजनीति को खारिज किया । गडकरी ने जोर देकर कहा कि किसी व्यक्ति का मूल्य जाति, धर्म, भाषा या लिंग के बजाय उसके गुणों से निर्धारित होना चाहिए ।
भले ही इससे हो वोटो की हानि
“किसी व्यक्ति की पहचान उसकी जाति, संप्रदाय, धर्म, भाषा या लिंग से नहीं बल्कि उसके गुणों से होती है। इसलिए हम जाति, संप्रदाय, धर्म, भाषा या लिंग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करेंगे,” गडकरी ने समानता और निष्पक्षता की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा। राजनीति में होने के बावजूद,यह एक ऐसा क्षेत्र जहां जाति – आधारित पहचान अक्सर महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, गडकरी ने दोहराया कि वह इस तरह की प्रथाओं में शामिल नहीं होंगे, भले ही इससे उन्हें वोटों की हानि हो।
में अपने सिद्धांतों पर अडिग हूँ
उन्होंने कहा, “मैं राजनीति में हूं, और यहां यह सब चलता रहता है, लेकिन मैं इससे इनकार करता हूं, भले ही इससे मुझे वोट मिलें या न मिलें।” गडकरी ने आगे बताया कि कैसे कई लोग अपनी जातिगत पहचान के आधार पर उनसे संपर्क करते थे, लेकिन वे अपने सिद्धांतों पर अडिग रहे।
चुनाव हारने से कोई अपनी जान नहीं गंवाता
उन्होंने दर्शकों के साथ एक किस्सा साझा करते हुए कहा, की मैंने करीब 50000 लोंगो के बीच में कहा था
‘जो करेगा जात की बात, उसको कस के मारू लात'” यानी वे जाति आधारित चर्चाओं में शामिल नहीं होंगे। गडकरी ने कहा, “मेरे दोस्तों ने मुझसे कहा कि ऐसा कहकर मैंने खुद को नुकसान पहुंचाया होगा। लेकिन मुझे इसकी चिंता नहीं है; चुनाव हारने से कोई अपनी जान नहीं गंवाता। मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा